अलंकार की पहचान
Table
अलंकार किसे कहते हैं/ alankar kise kahate hai-
अलंकार का शाब्दिक अर्थ आभूषण है। आभूषण का प्रयोग मनुष्य के शरीर की सुंदरता बढ़ाने के लिए किया जाता है जबकि अलंकारों का प्रयोग कविताओं की शोभा बढ़ाने के लिए किया जाता है उसे अलंकार alankar कहते हैं।
उदाहरण- कोमल कलाप कोकिल कमनीय कूकती थी
अलंकार के प्रकार Alankar ke prakar
अलंकार के bhed
अलंकार 6 भेद के होते हैं
- अनुप्रास अलंकार
- यमक अलंकार
- श्लेश अलंकार
- रूपक अलंकार
- उपमा अलंकार
- उत्प्रेक्षा अलंकार
अनुप्रास अलंकार किस कहते है Anupras alankar-
जब किसी कविता में एक वर्ण एक से अधिक बार आता है उसे अनुप्रास अलंकार Anupras alankar कहते हैं।
अनुप्रास का अर्थ बार-बार पास में रखना।
Trick-एक वर्ण कई बार दो से ज्यादा बार आता है
अनुप्रास अलंकार के उदहारण –
उदाहरण-मधुर मधुर मुस्कान मनोहर,
मनोज देश का उजियाला।
यमक अलंक किसे कहते हैं Yamak alankar
यमक अलंकार के उदहारण-
श्लेष अलंकार किसे कहते हैं Slesh alankar
निम्नलिखित शब्दों से भी श्लेश अलंकार की पहचान की जा सकती है
श्लेष अलंकार के उदहारण-
यहां पर पानी पर पानी के विभिन्न अर्थ मिलते हैं
उदाहरण-रावण सर सरोज बनचारी। चलि रघुवीर सिलीमुख।।
यहां पर सिलीमुख के दो अर्थ हैं
रूपक अलंकार किसे कहते हैं Rupak alankar
जहां पर किसी वस्तु को दूसरी वस्तु का रूप दिया जाए उसे रूपक अलंकार कहते हैं अर्थात उपमान का आरोप या उपमान और उपमेय का अभेद होता है उसे रूपक अलंकार rupak alankar कहते हैं।
Trick- डैश चिन्ह (-) से पहचान सकते हैं
रूपक अलंकार के उदहारण-
( Rupak alankar ke udaharan )
उदाहरण-वन शारदी चंद्रिका-चादर ओढ़!
यहां पर चंद्रिका और चादर में (-) चिन्ह लगा है
उदाहरण– मन-सागर मनसा लहरि बूढ़े-बहे अनेक!
यहां पर मन सागर के बीच में (-) चिन्ह लगा है
उपमा अलंकार किसे कहते हैं upma alankar
जहां दो वस्तुओं की तुलना करके, एक को दूसरे के समान बताया जाता है उसे उपमा अलंकार कहते हैं। अर्थात 2 वस्तुओं के समान धर्म के प्रतिपादन को उपमा कहते हैं।
Trick-इसकी पहचान सा, सी, सो वाक्य में आते हैं
उपमा अलंकार के उदहारण
( upma alankar ke udaharan)
उदाहरण-मुख चंद्रमा सा सुंदर है।
इस वाक्य चंद्रमा के बाद सा का प्रयोग हुआ
उदाहरण-कर कमल कोमल सा है।
इस वाक्य में कोमल के बाद सा का प्रयोग हुआ
उत्प्रेक्षा अलंकार किसे कहते हैं utpreksha alankar
जहां उपमेय में उपमान की संभावना हो या कल्पना की जाए, उसे उत्प्रेक्षा अलंकार कहते हैं।
Trick- वाक्यों में जनु, मनु, मेरे जानते, मानो, निश्चय,मनहु का प्रयोग करते हैं
उत्प्रेक्षा अलंकार के उदहारण-
( Utpreksha alankar ke udaharan)
उदाहरण-सोहत ओढे पीत पट, श्याम सलोने गात।
मनहु नीलमणि सैल पर, आतप परयौ प्रभात।।
इस वाक्य में मनहु शब्द पहचान है
उदाहरण-सिर फट गया उसका, मानो अरुण राम का घड़ा
इस बात की पहचान मानव सबसे कर सकते हैं
इसे भी पढ़ें-
Qus-1 अलंकार किसे कहते हैं
अलंकार का शाब्दिक अर्थ आभूषण है। आभूषण का प्रयोग मनुष्य के शरीर की सुंदरता बढ़ाने के लिए किया जाता है जबकि अलंकारों का प्रयोग कविताओं की शोभा बढ़ाने के लिए किया जाता है उसे अलंकार कहते हैं।
उदाहरण- कोमल कलाप कोकिल कमनीय कूकती थी
Qus-2 अलंकार के भेद
अलंकार 6 भेद के होते हैं
1.अनुप्रास अलंकार
2.यमक अलंकार
3 श्लेश अलंकार
4.रूपक अलंकार
5.उपमा अलंकार
6.उत्प्रेक्षा अलंकार
Qus-3 अनुप्रास अलंकार
जब किसी कविता में एक वर्ण एक से अधिक बार आता है उसे अनुप्रास अलंकार कहते हैं।
उदाहरण-चारु चंद्र की चंचल किरणें
खेल रही है जल थल में।
Qus-4 यमक अलंकार
जब कोई शब्द एक से अधिक बार प्रयोग होता है तथा हर बार उस शब्द के अर्थ में अंतर हो तो उसे यमक अलंकार कहते हैं।
उदाहरण-कनक कनक ते सौ गुनी, मादकता अधिकाय।
या खाए बौरता नर या पा बौराय।।
Qus-5 श्लेश अलंकार
जब एक शब्द का प्रयोग एक ही बार हो लेकिन उसके अर्थ एक से अधिक अर्थ निकले तो उसे श्लेष अलंकार कहते हैं।
उदाहरण-रहिम पानी राखिये, बिन पानी सब सून।
पानी गये न ऊबरै, मोती मानुष चून।।