Air water noise Pollution essay in Hindi। वायु जल ध्वनि प्रदूषण पर निबंध

Air water noise pollution essay in Hindi/जल, वायु, ध्वनि प्रदूषण पर निबंध

Table

Air water noise pollution essay in hindi
Pollution essay in Hindi
 Air, water, noise Pollution essay in Hindi  (प्रदूषण पर निबंध) class 5,6,7,8,9,10,11,12 छात्रों को eassy writing Hindi से exam एक निबंध लिखने को कहा जाता है जिसके लिए 5 से लेकर 10 अंक निर्धारित हैं।
No. pollution eassy in hindi
1. pollution meaning/अर्थ
2. introduction/प्रस्तावना
3. types of pollution/प्रदूषण के प्रकार
4. air pollution/वायु प्रदूषण
5. water pollution/जल प्रदूषण
6. noise pollution/ध्वनि प्रदूषण
7. soil pollution/भूमि प्रदूषण
8. radioactive pollution/रेडियोधर्मी प्रदूषण
9. thermal pollution/थर्मल प्रदूषण
10. light pollution/प्रकाशी प्रदूषण
11. visual pollution/दृश्य प्रदूषण
12. सन् 2020 प्रदूषित शहरों के नाम
13. सन् 2020 प्रदूषित देशों के नाम
14. पर्यावरण प्रदूषण से हानि
15. प्रदूषण के कारण
16. प्रदूषण रोकने के उपाय
17. conclusion/निष्कर्ष

Pollution meaning/अर्थ-

Pollution/प्रदूषण का अर्थ है अपने चारों तरफ के वातावरण/वायुमंडल को दूषित होना।
 
प्रदूषण आज पूरे संसार की समस्या बन चुका है कोई भी देश इससे अछूता नहीं है आज प्रदूषण मानव जाति के लिए एक बहुत ही गंभीर समस्या  बन चुका है।
 
मनुष्य के द्वारा अपने सुख सुविधा की प्रवृत्ति के कारण अनेक कल कारखाने लगाए जाते रहे हैं इन कल कारखानों के कारण दिन पर दिन प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है।
 
 आज हम जिस पर्यावरण मे जी रहे हैं वह पूरी तरह दूषित हो चुका है । यदि इस गंभीर समस्या निवारण नहीं किया तो मानव जीवन खतरे में आ सकता है।

Introduction/प्रस्तावना-

 प्रदूषण की समस्या आज बहुत गंभीर हो गई है।  मनुष्य ने प्रकृति के साथ बहुत अधिक हस्तक्षेप किया है।  नतीजतन, environment जिसमें हवा, पानी, मिट्टी शामिल हैं। हवा, पानी, भूमि प्रदूषित हो गया है।
 
पर्यावरण सभी प्रकार के जीवन-मानव को प्रदूषित कर रहा है, मनुष्य, जानवरों, वनस्पति प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होती है, प्रदूषित अस्वस्थ पानी हम पीते हैं। प्रकृति के अनमोल उपहार को नष्ट किया जा रहा है और मानव जीवन प्रदूषित वायु श्वास और हम पीने वाले स्वस्थ पानी से दूर किया जा रहा है

Type of pollution/प्रदूषण के प्रकार-

मुख्यता pollution/प्रदूषण 4 प्रकार से फैलता है-
No. types of pollution/प्रदूषण के प्रकार
1. air pollution/वायु प्रदूषण
2. water pollution/जल प्रदूषण
3. noise pollution/ध्वनि प्रदूषण
4. soil pollution/भूमि प्रदूषण

Air pollution/वायु प्रदूषण 

Air pollution essay in hindi
Air pollution eassy in hindi


Air pollution वायुमंडल में प्रदूषण  का सबसे प्रमुख कारण है
वायु प्रदूषण ज्यादातर फैक्ट्रियों, मिलों या कार्यशालाओं आदि से 24 घंटे चिमनी से निकलने वाले प्रदूषण के कारण होता है, इन कारखानों बनने वाले वस्तुओं का निर्माण होता है जिससे विषैले गैस भी उत्पन्न होती है जैसे कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर, लेड, आदि
 
इन गैसों से सांस लेना मुश्किल होती है। जिसस अनेकों बीमारियां फैलती है वायु प्रदूषण से फेफड़े के रोग, अस्थमा, आंखों मे जलन, सिरदर्द, कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियां होती है
 
वायु प्रदूषण, महानगरों चलने वाले चार पहिया और दुपहिया (बस, कार, ट्रक मोटरसाइकिल) वाहनों से निकलने वाला  प्रदूषण एक प्रमुख कारण है इन‌ वाहनों निकलने वाला धुंए विषैली गैस कार्बन मोनोऑक्साइड निकलती है जिसके कारण सांस और फेफड़ों की बीमारी के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।

Water pollution/जल प्रदूषण-

Water pollution eassy in hindi
Water pollution eassy in hindi
जल जीवन का आधार है लेकिन मनुष्य को अधिक धन प्राप्त करने के लालच में। फैक्ट्री और कारखाने मालिक अपशिष्ट पदार्थों जैसे दूषित जल, हानिकारक रसायन, बचा हुआ कचरा नालों के रास्ते नदियों बहा देते हैं। नदियों से पानी धरती में समा जाता है  जिससे पानी प्रदूषित होता है।  लोग इस प्रदूषित पानी का उपयोग करते हैं। जिससे कई बीमारियां होती हैं, 
 
Water pollution परिणामस्वरूप जल में रहने वाले जीव  मछली,कछुए, केकड़े, आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु हो जाती है।
 
इसके अलावा नदियों और तालाबों गांव में रहने वाले लोग नहाने, कपड़े धोने, मल मूत्र त्यागने, कचरा फेंकने, मनुष्य के शव तथा जानवरों की शव को डालने के कारण जल प्रदूषण बढ़ता जा रहा है जिससे कि कई तरह के रोग फेलते हैं जैसे डायरिया, मलेरिया, डेंगू ,पीलिया, हैजा आदि रोग

Noise pollution/ध्वनि प्रदूषण-

Noise pollution essay in hindi
Noise pollution eassy in hindi
 Noise Pollution मानव जीवन के लिए खतरनाक है।  यह कहा जाता है कि शोर 80 डेसिबल बहरापन और अन्य बीमारी का कारण बनता है।  महानगरों लोगोंं का तनाव से भरा हुआ जिसका एक मुख्य कारण ध्वनि प्रदूषण भी है ध्वनि प्रदूषण से मानव शरीर श्रम शक्ति में बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है ।
 
 शहरों मे कारों, स्कूटरों, बस, ट्रक, बाइक अन्य ऑटोमोबाइलों को सेकंड के भीतर वहां से गुजरती है, उनके इंजन उत्पन्न होने वाला ध्वनि  जो लोगों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
 
ध्वनि प्रदूषण का प्रमुख कारण लोगों के द्वारा दूसरों की सुख सुविधाओं का ध्यान रखते हुए घर पर बजने वाली म्यूजिक सिस्टम, स्पीकर, रेडियो, निकलने वाली तेज आवाज शादी तथा जन्मदिन उत्सव में बजने वाले डीजे साउंड और सड़कों में बजने वाले लाउडस्पीकर अत्यधिक तेज आवाज  होता है जिसके परिणाम स्वरूप बुजुर्गों हृदय रोग तथा रक्तचाप की बीमारियां जन्म लेती है।
Soil pollution/भूमि प्रदूषण-
भूमि प्रदूषण आज के समय में एक बहुत बड़ी समस्या बन गया है खेती को अधिक उपजाऊ बनाने के लिए आजकल लोग रसायन का प्रयोग करते हैं जिसके फलस्वरूप भूमि उत्पादन बहुत अधिक होता है लेकिन भूमि से उत्पन्न होने वाली फसलें जैसे चावल, दाल, सब्जियां, फल, सरसों आदि प्रदूषित हो जाती है इन सभी दूषित फल सब्जियों को खाकर कई गंभीर बीमारियां हो जाती है।
Radioactive pollution/रेडियोधर्मी प्रदूषण-
यह वह प्रक्रिया है जिसमें रेडियोएक्टिव किरण अल्फा, बीटा, गामा निकलती है युद्ध के दौरान परमाणु बम तथा हाइड्रोजन बम से युद्ध किया जाता है घरों में उपयोग होने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे रेफ्रिजरेटर, टेलीविजन, ओवन, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक मशीनों खराब होने पर फेंक दिए जाते हैं जिससे की ये किरण भूमि में प्रवेश हो जाती है।
 
 अत्यधिक मोबाइल टावरों वृद्धि होने के कारण इसका खतरा बढ़ता ही जा रहा है रेडियोएक्टिव तत्वों के खनन जैसे- यूरेनियम, थोरियम, रेहान आदि का खनन होता है अत्यधिक सस्ती इलेक्ट्रिक उत्पादन के लिए परमाणु बिजली संयंत्र बनाने में इसका खतरा और भी बढ़ रहा है।
Thermal pollution/थर्मल प्रदूषण-
थर्मल प्रदूषण मुख्य रूप से बिजली संयंत्रों, जनरेटर, नाभिकीय संयंत्रों शीतला के रूप में प्रयोग किया जाता है और यह पानी नदियों तालाबों की द्वारा दोबारा भूमि में प्रवेश हो जाता है
जिसके कारण पानी में उपस्थित गुण खत्म हो जाते हैं और पानी का तापमान मैं वृद्धि हो जाती है।
 
थर्मल पावर प्लांट और हाइड्रो विद्युत शक्ति बड़े-बड़े शहरों में संयंत्रों में पानी को शीतलक के रूप में प्रयोग किया जाता है जिससे कि जल की ऑक्सीजन की कमी हो जाती हैऔर पुनः पर्यावरण में आ जाता है जिससे कि पर्यावरण तापमान वृद्धि होती है और परिस्थितिकी में बुरा असर पड़ता है जलीय जीव के मृत्यु भी हो जाती है कई जीव विलुप्ति की कगार पर है।

Light Pollution/प्रकाश प्रदूषण-

प्रकृति ने हमें देखने के लिए उचित रोशनी की व्यवस्था करवाई है लेकिन हमने रात के समय में अपनी कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए हमने कृतिम लाइट बनाई है ताकि हम रात के समय होने पर भी अपने कार्य कर सकें
 
घर पर यूज होने वाली बल्ब ट्यूबलाइट लैंप एलइडी अत्यधिक उपयोग करने से प्रकाश प्रदूषण फैलता है
सड़कों पर जगह जगह पर बड़े-बड़े प्रकाश लैंप अत्यधिक चमक दमक वाली लाइटें झालर आदि के उपयोग से भी प्रकाश प्रदूषण फैलता है।
 
अत्यधिक प्रकाश का उपयोग करने से मानव जीवन में समस्याएं बढ़ती ही जा रही है इससे कई बीमारियां जन्म ले रही है जैसे-मानसिक तनाव, डिप्रेशन, अनिद्रा, अवसाद आदि
 
हमें अपने घरों में सिर्फ रोशनी करने के लिए कम से कम प्रकाश करना चाहिए जितने की हमें जरूरत हो स्ट्रीट लाइट नियमित रूप में जांच होनी चाहिए घरों तथा सड़कों में एलईडी लाइट का ही प्रयोग होना चाहिए।
Visual pollution/दृश्य प्रदूषण-
दृश्य प्रदूषण  आज एक बहुत बड़ी समस्या बन चुका है आज के युग में मनुष्य के द्वारा वनों की कटाई, शहरीकरण बढ़ता ही जा रहा है जिससे कि दृश्य प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है आज एक बहुत ही गंभीर समस्या का विकराल रूप ले चुका है।
 
मनुष्य के द्वारा अधिक लाभ कमाने के लिए सरकारी भूमि को को कब्जा करके नए मकान, दुकान बना लेते हैं जिससे कि नकारात्मक परिवर्तन होता है
 
सड़कों पर बिजली के खंबे, स्ट्रीट लाइट, जगह जगह पर मोबाइल टावर, सड़कों प्रचार के बड़े-बड़े बैनर पता होल्डिंग लगा दी जाती है जिसकी फल स्वरुप दृश्य प्रकाश बहुत तेजी से बढ़ता जा रहा है।

सन् 2020 दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर-

  1. गाजियाबाद (इंडिया)
  2. होटन (चीन)
  3. गुजरांवाला (पाकिस्तान)
  4. फैसलाबाद (पाकिस्तान)
  5. दिल्ली (इंडियन)
  6. नोएडा (इंडिया)
  7. गुरुग्राम (इंडिया)
  8. रायविंड (पाकिस्तान)
  9. ग्रेटर नोएडा (इंडिया)
  10. बंधवारी (इंडिया)

सन् 2020 प्रदूषित देेश के नाम

  1. बांग्लादेश 
  2. पाकिस्तान  
  3. मंगोलिया 
  4. अफ़गानिस्तान
  5. भारत 
  6. इंडोनेशिया 
  7. बहरीन 
  8. नेपाल
  9. उज़्बेकिस्तान
  10. ईरान

पर्यावरण प्रदूषण से हानियां-

  • मानसिक तनाव, दमा, डिप्रेशन किस बीमारी मे वृद्धि
  • पानी में ऑक्सीजन की कमी
  • रक्तचाप और हार्ट अटैक जैसी बीमारी में वृद्धि
  •  भूमि का बंजर होना
  • मिट्टी के कटाव वृद्धि
  • कृषि पर प्रभाव 
  • हरित गृह प्रभाव
  • ओजोन परत का क्षरण
  • वनों का विनाश
  • जलवायु परिवर्तन
  • वायुमंडल ताप में वृद्धि
प्रदूषण के कारण-
  • कारखानों की चिमनी निकलने वाला धुंए के साथ विषैला गैसों के निकलने कारण फैलता है
  • घरों की निकलने वाला कचरा और सीवर लाइन नदियों में सीधे बहाने कारण
  • फैक्ट्रियों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ दूषित पानी और रसायन सीधा नदियों में बहाने के कारण
  • शहरीकरण के कारण वनों भूमि की निरंतर कटाई के कारण
  • पेड़ पौधों निरंतर बढ़ती की कटाई के कारण
  • सड़कों पर चलने वाले डीजल पेट्रोल वाहन कार, बस, मोटरसाइकिल होने वाले प्रदूषण के कारण
  • गांव में नदी और तालाब कपड़े धोने, कचरा फेंकने, नहाने, मल त्यागने के कारण
  • शहरों में शादी पार्टी में डी०जे, लाउडस्पीकर, रेडियो आदि के कारण 
  • खेती अधिक उपजाऊ बनाने के लिए सस्ते रसायन, यूरिया, डीडीटी हो के उपयोग के कारण
  • खेती में फसल को बचाने के लिए कीटनाशकों का प्रयोग के कारण
  • पॉलिथीन तथा प्लास्टिक के प्रयोग के कारण
  • अत्यधिक पेट्रोलियम संसाधन कोयला डीजल पेट्रोलियम प्रयोग के कारण
प्रदूषण रोकने के उपाय-
  • कारखाने तथा फैक्ट्री निकलने वाला धुआं की निरंतर समय-समय जांच होनी चाहिए और इसका निस्तारण होना चाहिए
  • घरों से निकलने वाला कचरा सही प्रबंधन होना चाहिए इनको रीसाइकिल करके दोबारा प्रयोग होना चाहिए
  • फैक्ट्रियों से बहने वाले दूषित पानी रीसाइकिल करके द्वारा उपयोग में लाने के लिए मशीनों सिस्टम प्रयोग अनिवार्य करना होगा
  • बढ़ती जनसंख्या पलायन को रोकना होगा जिससे कि वनों की कटाई ना हो सके
  • नए पेड़ और पौधों का ज्यादा से ज्यादा लगाने होंगे जिससे कि वातावरण शुद्ध हो सके
  • नदी और तालाब में किसी भी वस्तु जैसे घरेलू कचरा, दूषित पानी, जानवरों के शवों डालने से बचाना होगा इसका उचित प्रबंधन करना होगा
  • वाहन कार, बस, ट्रक , मोटरसाइकिल, स्कूटर समय-समय पर फिटनेस तथा प्रदूषण जांच करानी होगी
  • शादी तथा पार्टियों में तेज आवाज में बजने वाले डीजे तथा लाउडस्पीकर रोक लगनी चाहिए
  • खेती किसानी के लिए रसायन का प्रयोग ना करके जैविक खाद जैसे गोबर, फलों तथा सब्जियों के अपशिष्ट पदार्थ का प्रयोग करना चाहिए
  • खेती फसल को बचाने के लिए कीटनाशकों की प्रयोग ना करके नीम, हल्दी, मिर्जा आदि से बने जैविक खाद का प्रयोग करना चाहिए
  •  प्राकृतिक संसाधन जैसे कोयला, डीजल, पेट्रोल निर्भरता कम करनी चाहिए और सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रिक, बायो पैट्रोलियम/डीजल को प्राथमिकता देनी चाहिए 
Conclusion/निष्कर्ष-
इस प्रदुषण की जाँच करने के लिए नियोजित औद्योगीकरण होना चाहिए फैक्ट्री से निकलने वाला कचरा जमीन सतह पर या नदियों में नहीं डाला जाना चाहिए।  उपयुक्त रसायनों के उपयोग से इसे नष्ट कर दिया जाना चाहिए।  प्रदूषण की जांच करने के लिए एक प्रमुख कदम यह है कि टेक्नोलोजी के इंडस्ट्रियल  उपयोग के बिना नई तकनीकों का दुरुपयोग करने वाले कई लोगों की शिकायतों पर जांच होनी चाहिए जिसके लोकपाल बिल बनने चाहिए। 
 
 दीर्घकालिक बुरे प्रभावों को ध्यान में रखते हुए।  सभी प्रकार निजी और सरकारी उद्योगों के कारण होने वाले वायु प्रदूषण के लिए समाज को भुगतान करना पड़ता है।  एक तकनीकी लोकपाल एक अधिकारी के रूप में काम कर सकता है जो उन लोगों की ओर प्रेस का ध्यान आकर्षित कर सकता है जिन्होंने गैर-तकनीकी रूप से नई तकनीकों को लागू किया है।  वह नई तकनीक के जिम्मेदार इस्तेमाल के लिए दबाव बना सकता है।
 
 एक और कदम कम हानिकारक प्रौद्योगिकियों का उपयोग हो सकता है।  प्रदूषण की जांच के लिए सबसे महत्वपूर्ण कदम है प्रदूषण के कारण होने वाले बुरे प्रभावों से अवगत कराया जाना चाहिए।  और वृक्षारोपण को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।  वनों की कटाई नहीं होनी चाहिए, लोगों को घरेलू कचरे को सड़कों पर नहीं फेंकना चाहिए।  हमें प्रकृति के सम्मन करना चाहिए। 
 
 पर्यावरण के बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जनसंख्या के बढ़ने पर जाँच भी आवश्यक है।  समस्या की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पर्यावरण विभाग की स्थापना की है।  देश के नागरिकों को भी सरकार के साथ सहयोग करना चाहिए। 
 
इसे भी पढ़ें-
 
 

Leave a Comment