My school essay in Hindi me। मेरे विद्यालय,स्कूल पर निबंध
My school essay in Hindi me(मेरे विद्यालय स्कूल पर निबंध) class 1,2,3,4,5 short eassy 10 lines लिखने के लिए आता है वही class 6,7,8,9, 10 long eassy एग्जाम में निबंध लिखने के लिए आता है जिसके लिए 5 से 10 अंक निर्धारित है।
My school eassy 10 lines in Hindi-
- मेरे स्कूल का नाम ध्रुव इंटरनेशनल स्कूल है।
- मेरे विद्यालय लखनऊ शहर के मध्य स्थित है।
- स्कूल आईसीएसई बोर्ड से मान्यता प्राप्त है।
- विद्यालय की इमारत 4 मंजिल की और 50 से ज्यादा कमरे हैं।
- मेरे स्कूल में बच्चों के खेलने के लिए एक बड़ा प्लेग्राउंड और गार्डन भी है जिसने तरह-तरह के सुंदर पेड़ पौधे लगे हुए है।
- मेरे स्कूल का समय सुबह 7:00 बजे से लेकर दोपहर के 3:30 बजे तक का है।
- मेरे विद्यालय की ड्रेस वाइट शर्ट और ब्लैक ट्राउजर सभी छात्रों के लिए अनिवार्य है।
- मेरे विद्यालय में एलकेजी से लेकर कक्षा 10 तक की पढ़ाई होती है।
- मेरे स्कूल में 80 से ज्यादा अध्यापक और प्रधानाध्यापक इंचार्ज आदि का स्टाफ है।
- स्कूल में स्टूडेंट्स के लिए सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध है।
No. | my school essay/मेरे स्कूल पर निबंध |
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1. | introduction/परिचय |
2. | my first day in school/स्कूल का नाम,पता ,स्थान |
3. | building of the school/स्कूल की इमारत |
4. | my classroom/मेरी कक्षा |
4. | my school library/विद्यालय के पुस्तकालय कक्ष |
4. | my school function hall/स्कूल का कार्यक्रम हाल |
4. | my school playground/विद्यालय का खेल का मैदान |
4. | conclusion/निष्कर्ष |
Introduction/विद्यालय की प्रस्तावना-
विद्यालय का शाब्दिक अर्थ-विद्या+आलय
स्कूल शिक्षा का आधार है जहां पर छात्र अनेक विषयों की शिक्षा प्राप्त करते हैं घर से ज्यादा समय छात्र स्कूल में गुजराते हैं विद्यालय में छात्र और छात्रा सभी नैतिक मूल्य जैसे ईमानदारी, अच्छे संस्कार, आदर्श, राष्ट् भक्ति, भारतीय संस्कृति, भारतीय परंपराओं को सिखाया जाता है
My First day at school/स्कूल का नाम,स्थान,पता-
मेरे स्कूल का नाम ध्रुव इंटरनेशन स्कूल है जोकि शहर के के मध्य में गांधीनगर स्थित है यह एरिया बहुत ही शांत और सुंदर है मैं अपने पिताजी के साथ स्कूल में एडमिशन कराने के लिए गया था यह मेरे स्कूल का पहला दिन था जब मैं स्कूल पहुंचा मैंने देखा कि लड़की और लड़कियां अपने माता पिता के साथ एडमिशन कराने आए हुए थे सभी बच्चे खुश थे और चारों तरफ भीड़ थी बहुत अच्छा लग रहा था आपने नई विद्यालय को देखने के लिए,
1 जुलाई की बात है सुबह 7 बजे जब मैं अपने पिताजी के साथ एडमिशन लेने के लिए ध्रुवा इंटरनेशनल पहुंचा, मैं और मेरे पिताजी मोटरसाइकिल से स्कूल पहुंचे, विद्यालय की बिल्डिंग विशाल और एक बड़ा सा गेट लगा हुआ था चारों तरफ बच्चे और उनकी माता पिता उनके साथ एडमिशन कराने आए थे।
Building of the school/स्कूल की इमारत
स्कूल की बिल्डिंग बहुत ही विशाल थी और देखने में बहुत सुंदर थी विद्यालय की बिल्डिंग सफेद रंग किया था, विद्यालय के मेन गेट प्रवेश करने पर एक बहुत बड़ा प्ले ग्राउंड (खेल का मैदान) था स्कूल के दाएं तरफ प्रिंसिपल का कक्ष बना हुआ था इसकी दूसरी तरफ विद्यालय की लाइब्रेरी बनी हुई थी विद्यालय में कई सारे कमरे बने हुए थे
My class room/मेरा पाठशाला कछ-
एडमिशन के बाद मैं अपने क्लास रूम में गया। सीटें ठीक से व्यवस्थित थीं। श्री एच। आर। शर्मा छात्रों से बात कर रहे थे। कमरे में जाते ही मैंने कहा, “गुड मॉर्निंग, सर।” श्री शर्मा प्रसन्न थे। उसने मुझे बैठने को कहा। कुछ समय बाद घंटी बजी और स्कूल खत्म हो गया। मेरी पहली छाप और नए दोस्त: मुझे स्कूल बहुत पसंद है। इसके अनुशासन ने मुझे बहुत प्रभावित किया। मैंने कुछ दोस्त बनाए। वे होशियार थे। उनके साथ अच्छा व्यवहार किया जाता था। वे सहमे हुए दिखाई दिए।
My school library/स्कूल का पुस्तकालय-
मेरे विद्यालय के केंद्र में एक विशाल कमरा बना है जो कि एक लाइब्रेरी है मेरे स्कूल की पुस्तकालय में एक भी कार्यालय है। कार्यालय से सटे, एक वाचनालय है। पुस्तकालय में दीवारों मे कांच की अलमीरा फिट हैं। लाइब्रेरी में इनमें लगभग 50 हजार से अधिक पुस्तकें हैं।
पुस्तकालय में हिंदी, अंग्रेजी, पंजाबी सिंधी मलयालम तेलुगू अन्य भाषाओं की पुस्तकें उपलब्ध है लाइब्रेरी में हिंदी साहित्य अंग्रेजी साहित्य, कविताओ, कहानी और कई पत्रिकाएँ और समाचार पत्र यहाँ उपलब्ध हैं।हमारे पुस्तकालय में कक्षा छठी से दसवीं कक्षा तक की किताबें हो सकती हैं। अन्य विषयों को भी यथोचित स्थान दिया गया है।
हमारे स्कूल के पुस्तकालय में एक बहुत ही बायोमेट्रिक बुकिंग होती है। पुस्तकालय से छात्रों के साथ अन्य लोगों को पूरे साल के लिए किताबें जारी की जाती हैं। हमारी लाइब्रेरी में हिंदी और अंग्रेजी के विभिन्न शब्दकोश हैं। पुस्तकालय का उपयोग हर वर्ग के छात्र और लोगों के लिए है
एक सप्ताह के लिए लाइब्रेरी कार्ड पर एक पुस्तक जारी की जाती है। प्रत्येक छात्र पुस्तकालय से पुस्तकें उधार लेता है और नियत समय पर उन्हें लौटाता है। छात्रों को स्कूल के घंटों के बाद किताबें पढ़ने की अनुमति है। मुझे मेरा स्कूल पुस्तकालय बहुत पसंद है।
My school function hall/स्कूल का कार्यक्रम हॉल-
हमारे विद्यालय में एक बहुत बड़ा मुख्य हाल है जिसमें प्रत्येक वर्ष हमारे कॉलेज के सभी कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है हमारे विद्यालय में प्रत्येक सप्ताह सप्ताहिक कार्यक्रम बालिका समिति का प्रोग्राम किया जाता है 15 दिसंबर, पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित होने का समापन दिवस था।
स्कूल को खूबसूरती से सजाया गया था। विद्यालय की बिल्डिंग लाइट, फूलमाला, रंग बिरंगी रिबन, गुब्बारे से सजा हुआ था गेट से छत तक एक कालीन फैला हुआ था। सभी छात्र अपनी साफ ड्रेस सफेद शर्ट और स्लेटी ट्राउजर में थे।
इस साल हमारे विद्यालय के जिला मजिस्ट्रेट अनिल सागर मुख्य अतिथि थे। वह अपनी कार में आया थे, उनके साथ प्रशासनिक अधिकारी और सिक्योरिटी अफसर भी आए थे प्रधानाचार्य द्वारा उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया और उन्हें मंच पर ले जाया गया।
बहुत ही सुंदर लेकिन लघु सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रदर्शित किया गया था। छात्राओं ने बहुत अच्छा लोक गीत और नृत्य प्रस्तुत किया। मजिस्ट्रेट ने पुरस्कार विजेताओं को उनके साथ हाथ मिलाते हुए प्रोत्साहित किया।
अंत में, लड़कों के बीच मिठाई वितरित की गई। अन्य संस्थानों की विजेता टीमों को भी पुरस्कार मिले। अनु छात्रों को पुरस्कार और प्रमाण पत्र दिए। प्रधानाचार्य ने बहुत विनम्र स्वर में मुख्य अतिथि का धन्यवाद किया। सभी ने इसकी सराहना की। सभी बहुत खुश थे।
My school playground विद्यालय का खेल का मैदान-
मेरे विद्यालय में एक बहुत बड़ा खेल का मैदान है जिसमें प्रातः 8:00 बजे सभी छात्र छात्राएं प्रार्थना सभा के लिए इकट्ठा होते हैं इंटरवल होने पर स्कूल के सभी स्टूडेंट्स खेल के मैदान में क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल, वॉलीबॉल, फुटबॉल, कबड्डी, खो-खो आदि खेल खेला करते हैं
स्कूल होने वाली वार्षिक खेल प्रतियोगिता का आयोजन भी प्ले ग्राउंड में किया जाता है पिछले साल हमारे विद्यालय का मुकाबला शहर के दूसरे विद्यालय से हुआ था जिसमें हमारे विद्यालय की टीम विजय रही थी।
Conclusion/निष्कर्ष-
मेरा मानना तो यह है की हमारी शिक्षा प्रणाली सदियों से पुरानी पद्धति पर चल रही है अब समय आ गया है कि इस पुरानी शिक्षा व्यवस्था को बदला जाए अब हमें नई शिक्षा नीति बनानी होगी।
सबसे पहले हमें छोटे-छोटे बच्चों के कंधों से बड़े बड़े बस्तो के बोझ को हटाना होगा स्कूल मे कोई ऐसी अवस्था करनी होगी विद्यार्थियों को विद्यालय में ही होमवर्क कराया जाए।
दूसरा विद्यालय में योग्य शिक्षकों का चुनाव की व्यवस्था होनी चाहिए दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि अयोग्य शिक्षकों को हटाना होगा और कुशल शिक्षकों को लाना होगा जिससे कि स्टूडेंट्स का सर्वांगीण विकास हो सके।
विद्यालय में केवल थ्योरी की पढ़ाई को केवल 10% से 20% होनी चाहिए इसके अलावा स्कूल में 80 से 90% प्रैक्टिकल अनिवार्य होना चाहिए ताकि शुरुआत से ही छात्रों को दिमागी ज्ञान के साथ-साथ हाथों में हुनर मिल सके क्योंकि आज के दौर में बेरोजगारी बढ़ती ही जा रही है यदि स्टूडेंट के पास टेक्निकल ज्ञान होगा तो इस बेरोजगारी की समस्या कम किया जा सकता है।
विद्यालय में पढ़ाई के साथ साथ खेलकूद अत्यधिक ध्यान देना चाहिए क्योंकि आजकल खेल,डांस,सिंगिंग, पेंटिंग, मैं भी अपना करियर बनाया जा सकता है विद्यालय में समय-समय पर वाद विवाद प्रतियोगिता, डांस, सिंगिंग, पेंटिंग टूर प्रोग्राम का आयोजन भी होना चाहिए ताकि छात्रों की प्रतिभा निखर के बाहर आए।
स्कूल में बच्चों की प्रवेश प्रक्रिया सभी वर्ग के लिए आसान बनाना होगा, प्रवेश लेते समय कम से कम कागजी कार्रवाई होनी चाहिए स्कूल में प्रवेश शुल्क कम से कम होना चाहिए या कक्षा 8 तक निशुल्क प्रवेश होना चाहिए ताकि सभी वर्ग के लोग अपने बच्चों विद्यालय में करा सकें गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के लिए 12वीं कक्षा तक कोई भी शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए क्योंकि शिक्षा सभी बच्चों का अधिकार है इसमें कोई भी भेदभाव नहीं होना चाहिए।
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